दरअसल 4X4 का मतलब न तो कार के पहिये होते हैं न सीट वल्कि इसका मतलब इंजन से होता है। अक्सर आप एसयूवी के पीछे या साइड में AWD (ऑल व्हील ड्राइव) या 4WD (फोर व्हील ड्राइव) लिखा देखा होगा।
आपके घर में संभवतः WagonR, आल्टो, हुंडई i10, जैसी छोटी कारों के ऊपर कुछ भी नहीं लिखा होता है, इसका मतलब ये सभी कारें 2WD (Two व्हील्स ड्राइव) ड्राइव होती है। इन कारों में 2 पहियों को इंजन पावर देता है।
4X4 सिस्टम में चारों पहियों को समान पावर मिलती है, जिससे प्रत्येक पहिया एक ही रफ्तार से घूमता है। ऑफ रोडिंग के दौरान जहां गाड़ी फंसने की संभावना होती है और फिसलन होती है, वेहतर perform करता है ।
अगर आप ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां सड़के अच्छी नहीं हैं या ऐसी जगहों पर आपका आना-जाना ज्यादा होता है, तब आपके लिए 4X4 कार बेहतर होगी, अगर आप शहर में रहते हैं तो आप 4X2 कार को चुन सकते हैं।
4 व्हील ड्राइव कार के सभी पहियों में पॉवर देती है। 2 व्हील ड्राइव की तुलना में 4 व्हील ड्राइव वाली कारें अधिक शक्तिशाली होती हैं।
4X2 कारों में इंजन दो पहियों को ही पावर देता है, ये दो पहिये आगे या पीछे के हो सकते हैं। जिन कारों में आगे वाले पहियों को पावर मिलती हैं, उसे फ्रंट व्हील जिनमें पावर पीछे वाले पहियों को, उसे रियर व्हील ड्राइव कहा जाता है।
अगर वहीं, माइलेज की बात करें तो 2WD में इंजन पर कम ताकत लगती है, तो इसका माइलेज 4WD से बेहतर होता है।
हमारे देश में बिकनेवाली कई ंगाड़ियों में 4X4 लिखा देखने को मिलता है। जैसे महिंद्रा थार, मारुती Suziki Jimni , महिंद्रा Scorpio-N , Force Gurkha , MG-ग्लॉस्टर, Mahindra fortuner , जीप Compass etc.