भगवान् राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनबरी को होने जा रहा है,आप जानते है इसका थाईलैंड और नेपाल से क्या सम्बन्ध है ?
राम मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र और शिल्प शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार किया गया है। इसका डिजाइन उत्तरी भारतीय मंदिर स्थापत्य की गुजरा-चोलुक्य शैली में किया गया है।
मंदिर के निर्माण में लोहे की रॉड या लोहे की बनी कोई अन्य चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया है । मंदिर की लाइफ 1000 वर्ष निर्धारित किया गया है ।
मंदिर के ऊपर पांच शिखर हैं, जो गुजरा-चोलुक्य शैली की विशेषता हैं।
मंदिर के निर्माण में राजस्थान के भरतपुर से मंगवाया गया पिंक स्टोन तथा श्री राम लिखा हुआ ईट का इस्तेमाल हुआ है ।
मंदिर के फाउंडेशन में झाँसी,बिठूरी,यमुनोत्री,हल्दीघाटी,चित्तौरगढ़,गोल्डन टेम्पल आदि 2587 जगह की पवित्र मिटटी का इस्तेमाल हुआ है
भगवान राम और माता जानकी की प्रतिमा का निर्माण नेपाल के द्वारा भेजे गए गए गंडकी नदी में पाए जाने शालिग्राम पत्थर 18+16 टन से किया गया है ।
दुनिया में 33 प्रकार के शालिग्राम हैं। इनमें से 24 रूप भगवान विष्णु के 24 अवतारों से जुड़े हैं।
राम लला के अभिषेक समारोह के लिए थाईलैंड ने मिट्टी भेजा है। इससे पहले, थाईलैंड ने भगवान राम के मंदिर के लिए दो नदियों से जल भी भेजा है