आइये जानिए भारतीय मूल की सुनीता विलियम की रिकॉर्ड तीसरी अंतरिक्ष यात्रा के बारे में और क्या-क्या अपने साथ लेकर स्पेस में जाएँगी ।

 आज 7 में 2024 भारतीयों के लिए फिर से गौरवान्वित होने का समय है । भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर से स्पेस में जाने को तैयार हैं।

डॉ. दीपक पांड्या और बोनी पांड्या के घर जन्मीं सुनीता विलियम्स एक बार फिर इतिहास रचेंगी। वह ऐसी पहली महिला होंगी, जो मानवयुक्त अंतरिक्ष यान के पहले मिशन पर उड़ान भरेंगी। 

 सुनीता विलियम्स का जन्म सुनीता लिन पांड्या के रूप में 19 सितम्बर 1965 को हुआ था। वे अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर (स्थित क्लीवलैंड) में पैदा हुई थीं।

नासा के अनुसार 58 साल की सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन गुजारे हैं। सुनीता सबसे लंबे समय तक स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं।उन्होंने 50 घंटे 40 मिनट तक अंतरिक्ष में स्पेसवॉक की है।

 सुनीता विलियम भगवान के प्रति भी खासी आस्था हैं। वे हिन्दुओं के सर्वोच्च भगवान भगवान गणेश जी की आराधना में यकीन रखती हैं। साथ ही वे अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भगवान गणेश जी और हिन्दुओं का धार्मिक ग्रन्थ भगवद् गीता भी ले गईं थी।

सुनीता नौ दिसंबर 2006 में वह पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजे गए 14वें शटल डिस्कवरी के साथ रवाना किया गया था। इसके बाद 2012 में उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा कजाकिस्तान के बैकोनूर से रूसी रॉकेट सोयूज टीएमए-05 एम से उड़ान भरी थी।

हालांकि इस उड़ान को लेकर सुनीता काफी नर्वस हैं। सुनीता का कहना है कि इतने समय बाद अंतरिक्ष में जाने को लेकर घबराहट हो रही है मगर वहां पहुंचने के बाद घर वापस लौटने जैसा एहसास होगा।

 सुनीता बोइंग स्टारलाइनर 7 मई 2024 की सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने वाली हैं।सुनीता   के साथ बच विलमोर भी अंतरिक्ष में जाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर दोनों लगभग 1 हफ्ते तक रहेंगे।

सुनीता विलियम्‍स, 15 अगस्‍त, 2012 को भारत के 66 वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर अंतरिक्ष पर मौजूद थी तभी उन्होनें अंतरिक्ष में आजादी का जश्न बनाया और अंतरिक्ष में भारतीय तिरंगा लहराया।