पृथ्वी पर कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो कभी कभी ही होती हैं। इनमें से कुछ पृथ्वी के घूर्णन और उसकी सूर्य के चारों और की जा रही परिक्रमा के कारण होती हैं, जैसे सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहणआदि इन्हीं में से एक घटना होती है जीरो शैडो।
Zero Shadow Day एक विशेष खगोलीय घटना है,जो साल में दो बार घटित होती है। इस घटनाक्रम में जब सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंचता है तो किसी भी वस्तु या जीवित प्राणी की छाया पृथ्वी पर नहीं दिखाई देती।
यह घटना आम तौर पर भूमध्य रेखा के पास के क्षेत्रों में देखी जाती है, जब सूर्य का Angle पृथ्वी की सतह पर लगभग लंबवत होता है। इसकी वजह से हमारी कोई छाया नहीं बन पाती है।
जीरो शैडो क्यों होता है ? एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) ने कहा कि पृथ्वी का घूर्णन अक्ष सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुका हुआ है, जिसके कारण अलग-अलग मौसम होते हैं।
जीरो शैडो क्यों होता है ? एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) ने कहा कि पृथ्वी का घूर्णन अक्ष सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुका हुआ है, जिसके कारण अलग-अलग मौसम होते हैं।
इस तरह साल में दो बार ऐसी स्थिति आती हैइन दिनों Earth पर सभी प्राणी , पेड़- पौधे इत्यादि की छाया लगभग कुछ मिनटों के लिए शून्य हो जाती है ।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 24thअप्रैल 2024 को लोगों ने एक अनोखी खगोलीय घटना का अनुभव किया।आज दोपहर 12:17 बजे से लेकर 12:23 बजे के बीच लोगों ने अपनी परछाई को गायब होते हुए देखा।
भारत के कुछ प्रमुख शहर उदाहरणार्थ मुंबई, चेन्नई और पुणे आदि कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आते हैं, इसलिए ये शहर शून्य छाया कि श्रेणी में आते हैं, यहां शून्य छाया दिवस मनाया जाता है
Zero Shadow Day 2024 in Other Cities Date and Timings in India कन्याकुमारी: 10 अप्रैल और 1 सितंबर (स्थानीय दोपहर:12:21, 12:22) बेंगलुरु: 24 अप्रैल और 18 अगस्त (स्थानीय दोपहर:12:17, 12:25) हैदराबाद: 9 मई और 5 अगस्त (स्थानीय दोपहर:12:12, 12:19) मुंबई: 15 मई और 27 जून ( स्थानीय दोपहर: 12:34, 12:45) भोपाल: 13 जून और 28 जून (स्थानीय दोपहर: 12:20, 12:23)