Karpoori Thakur , Ex CM Bihar को ,भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किए जाने का निर्णय किया गया है। वे बेहद ईमानदार नेता थे , जानते हैं उनकी ईमानदारी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें .
बिहार सरकार द्वारा विधायकों को निजी आवास के लिए कम कीमत में जमीन आवंटित कर रही थी।उनके विधायक ने स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी से कहा था जमीन आवंटन के लिए अप्लाई कर दीजिए। कर्पूरी ठाकुर ने साफ मना कर दिया था कहा था मुझे सस्ती जमीन नहीं चाहिए।
जब विधायक ने उनसे कहा आप जब ना रहेंगे तो आपके बच्चे कहां जाएंगे? कर्पूरी ठाकुर का जवाब था कि बच्चे गांव में जाकर रहेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री देवीलाल ने पटना के अपने ही एक मित्र से कहा था कि जब कर्पूरी ठाकुर जी आपसे 5-10 हजार मांगे तो दे देना। आप जो भी उन्हें दोगे मेरे ऊपर कर्ज रहेगा।कुछ दिन बाद देवी लाल जी ने अपने मित्र से पूछा कर्पूरी जी को कितना दिए हो? मित्र ने कहा,कर्पूरी जी कुछ मांगते ही नहीं हैं।
Karpoori Thakur अपने ही दल के एक विधायक से लंच में आवास तक जाने के लिए जीप मांगी थी। विधायक ने उसी नोट पर लिखकर दे दिया मेरे जीप में तेल नहीं है। दो बार मुख्यमंत्री रहे अपने लिए कर क्यों नहीं खरीद लेते?
जब Karpoori Thakur मुख्यमंत्री थे तब उनके बहनोई उनके पास नौकरी के लिए गए थे। बहनोई ने उनसे रिक्वेस्ट किया घर मैं पैसे की बहुत दिक्कत है, परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है,हो सके तो नौकरी लगवा दीजिए ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके
कर्पूरी ठाकुर यह बात सुनकर बहुत दुखी हुए। फिर काफी सोचते हुए उन्होंने जब से ₹50 निकाला और उसे अपने बहनोई को दे दिए। उन्होंने कहा कि जो इस पैसे से उस्तरा और कैंची खरीद कर अपना पारिवारिक पेशा शुरू करो।