संविधान दिवस 2023 : भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है । यहां विभिन्न धर्मो एवं जातियों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। हमारा संविधान इन सभी वर्गों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। हमारा संविधान कई तरह के सिद्धांतों को अपने अंदर समेटे हुए हैं .या यूं कहें कि संविधान कई सिद्धांतों का संगम है। हमारी सरकार भी संविधान के दिशा निर्देश पर नागरिकों के लिए कानून बनाने का काम करती है। भारत में हर वर्ष संविधान दिवस मनाया जाता है।
संविधान दिवस 2023 : किस दिन है ?
हम लोग 26 नवंबर को प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। संविधान दिवस मनाने का फैसला 2015 मैं हुआ था। 2015 से लगातार 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जब हमारा संविधान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बनकर तैयार हो गया था तब 26 नवंबर 1949 को इस संविधान को हमारा हमारे देश ने अंगीकार कर लिया था। 26 नवंबर 1949 को हमारा देश इस संविधान को अपना लिया था।
देश में संविधान किस दिन लागू हुआ ?
26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार कर लेने के बाद भी इसे पूर्ण रूप से लागू करने में लगभग 3 महीना का समय लग गया था .और अंततः 26 जनवरी 1949 को पूर्ण रूप से संविधान भारत वर्ष में लागू हो गया था. इसलिए प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता हैl 26 जनवरी को देश के राष्ट्रपति गणतंत्र के प्रमुख होने के नाते लाल किला के प्राचीर से झंडा फहराते हैं।
संविधान की अहमियत क्या है?
अगर सरल शब्दों में कहा जाए संविधान नियम और अप नियम का एक लिखित रूप में संचित दस्तावेज है जिसके आधार पर किसी देश की सरकार की ढांचा एवं राजनीतिक व्यवस्था का निर्धारण होता है।भारतीय संविधान की प्रस्तावना को दुनिया भर में सर्विस श्रेष्ठ माना जाता है। भारतीय संविधान के प्रस्तावना के अनुसार संविधान की शक्ति सीधे जनता के हाथों में होती है।
विश्व का सबसे लम्बा लिखित रूप में संविधान
भारत के संविधान दुनिया की सबसे बड़ी लिखित संविधान है। भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद 22 भागों में बटी हुई और आठ अनुसूचियां थी। समय के अनुसार बीच-बीच में जरूरत के मुताबिक इसमें संशोधन किया गया। वर्तमान में इसके अनुच्छेद की संख्या 395 से बढ़कर 448 हो गया है। जो 25 भागों में विभाजित है इसकी अनुसूचियां 12 है। इसके अलावा इसमें पांच परिशिष्ट भी अलग से जोड़े गए हैं पहले नहीं हुआ करते थे।
भारतीय संविधान में मिला है नागरिकों को मौलिक अधिकार
भारत के संविधान में देश के नागरिकों को 06 मौलिक अधिकार दिए गए हैं। यह मौलिक अधिकार सरकार के द्वारा बनाये गए किसी मनमाने कानून को न्यायालय के द्वारा रोकने के लिए हथिय्यार का काम करता है । भारतीय संविधान की सबसे बड़ी खूबसूरती इसकी धर्मनिरपेक्षता है। संविधान किसी एक धर्म की वकालत नहीं करता बल्कि यह सभी धर्मो की रक्षा समान रूप से करता है
FAQS
Q.1 भारत में संविधान दिवस किस दिन मनाया जाता है ?
भारत में संविधान दिवस प्रति वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है
Q.2 भारत में संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है ?
26 नवंबर 1949 को देश ने संविधान को अंगीकार (अपना लेना) कर लिया था।यह दिन आज़ादी के बाद देश के लिए एक गौरवशाली दिन था ,इसी के उपलक्ष्य में संविधान दिवस मनाया जाता है ।
Q.3 भारतीय संविधान के रचयिता कौन हैं ?
भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर हैं । उन्ही की अध्यक्षता में संविधान का निर्माण हुआ था ।
Q.4 भारत में गणततत्र दिवस कब मनाया जाता है ?
भारत में गणतंत्र दिवस प्रति वर्ष 26 जनबरी को मनाया जाता है।
Q.5 गणतत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ?
26 नवंबर को देश ने संविधान को अपना तो लिया था लेकिन इसे पूर्ण रूप से लागु होने में 02 महीने का समय लग गया था । 26 जनबरी 1949 को पुरे देश में संविधान लागू हो गया था . इसीलिए 26 जनबरी को प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है ।
Q.6 भारतीय संविधान में नागरिकों को कितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं ?
भारतीय संविधान में नागरिकों को 06 मौलिक अधिकार दिए गए हैं
Q.7 भारतीय संविधान के अनुसार नागरिकों के मौलिक अधिकार कौन-कौन है ?
- समता का आधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
Q.8 भारत के संविधान में कितनी अनुच्छेद है ?
भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद है, जो 25 भागों में विभाजित है
Q.9 भारतीय संविधान में कितनी अनुसूची है ?
भारतीय संविधान में 12 अनुसूची है
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