MS Dhoni:मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी जी संपत कुमार को 15 दिन की जेल की सजा सुनाई। यह सजा उन्हें पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दायर अदालत की अवमानना के एक मामले में सुनाई गई है।
MS Dhoni ने आरोप लगाया था कि संपत कुमार ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के खिलाफ कथित रूप से अवमानना वाले बयान दिए थे। धोनी ने इस मामले में 2022 में मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
MS Dhoni-IPS G Sampath:हाई कोर्ट का निर्णय
न्यायमूर्ति एस एस सुंदर और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद संपत कुमार को 15 दिन की जेल की सजा सुनाई। हालांकि, कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया, ताकि संपत कुमार को सजा के खिलाफ अपील दायर करने का मौका मिल सके।
इस मामले में संपत कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उन्होंने कोई भी अवमानना वाला बयान नहीं दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने केवल एक साक्षात्कार में अपनी राय व्यक्त की थी।
हालांकि, कोर्ट ने संपत कुमार के पक्ष को खारिज करते हुए कहा कि उनके बयानों से उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की अवमानना हुई है। कोर्ट ने कहा कि संपत कुमार को अपने बयानों के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
MS Dhoni और IPS G.Sampath Kumar का पूरा मामला क्या है ?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni ने 2014 में आईपीएल सट्टेबाजी मामले में अपना नाम लिए जाने को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में धोनी ने 100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।
धोनी ने आरोप लगाया था कि आईपीएल सट्टेबाजी मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उनके नाम का इस्तेमाल किया था, जबकि उनके खिलाफ कोई भी आरोप नहीं था। धोनी ने कहा था कि सीबीआई की जांच से उनके प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
इस मामले में सीबीआई की तरफ से वकील ने कहा था कि धोनी के खिलाफ कोई भी आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केवल जांच के दौरान धोनी के नाम का इस्तेमाल किया था।
मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद 2017 में धोनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की जांच से धोनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। कोर्ट ने सीबीआई को धोनी को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
आईपीएस संपथ कुमार ने जवाबी हलफनामे में की थी न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी
इस मामले में सीबीआई की तरफ से वकील रहे जी संपत कुमार ने जवाबी हलफनामे में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी की थी। संपत कुमार ने कहा था कि मद्रास उच्च न्यायालय का फैसला पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने धोनी को केवल इसलिए मुआवजा दिया है क्योंकि वह एक लोकप्रिय क्रिकेटर हैं।
धोनी ने संपत कुमार की इन टिप्पणियों के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। धोनी ने कहा था कि संपत कुमार के बयान से न्यायपालिका की अवमानना हुई है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद 2023 में संपत कुमार को 15 दिन की जेल की सजा सुनाई। हालांकि, कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया, ताकि संपत कुमार को सजा के खिलाफ अपील दायर करने का मौका मिल सके।
MS Dhoni का बयान
MS Dhoni ने कहा, “मैं न्यायपालिका में विश्वास रखता हूं। इस फैसले से मुझे खुशी हुई है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह फैसला अन्य लोगों के लिए भी एक सबक होगा।”
आईपीएस संपथ कुमार ने क्या कहा ?
इस सजा के बाद संपत कुमार ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। हाई कोर्ट ने उच्चतम न्यायलय में अपील के लिए 30 दिन की मोहलत दी है ।
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