IIT और IIM से पास छात्रों ने किया कमाल/Gramophone Startup:आज हम ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान से डिग्री लेने के बाद भी करोडो की नौकरी छोड़कर किसानो की समस्या दूर करने में लग गए। हालाँकि इस तरह का निर्णय काफी मुश्किल होता है, लेकिन कहते हैं न अगर आपके पास कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो आपको कोई नहीं रो सकता है। फिर परिवार का सपोर्ट मिल जाये तो काम आसान हो जाता है।
ऐसे ही लोगों में से हैं तौसीफ खान, निशांत वत्स, हर्षित गुप्ता और आशीष सिंह। ये चारों दोस्त हैं. IIT और IIM जैसे संस्थानों से पढ़कर निकले हैं। बेहतरीन पैकेज पर काम भी किया लेकिन मन में तो कुछ और ही चल रहा था । इनलोगों ने जॉब छोड़ने की ठान ली और रुख किया खेती की ओर। आप सही सुन रहे हैं इन चारों दोस्तों ने मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब छोड़कर एक स्टार्ट-अप ‘Gramophone’ की शुरुआत की।
ये स्टार्ट-अप किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही खेती के आधुनिक तकनीकों की जानकारी, प्रभावी खेती और उत्पादन बढ़ाने के उपाय दवाई कितनी मात्रा में कब-कब उपायोग करनी चाहिए, इन सभी बातों की जानकारी देता है । इन चारों दोस्तों ने यह सफर कैसे तय किया ,जानते हैं —
IIT और IIM से पास छात्रों ने किया कमाल:ग्रामोफोन कि नीव पढ़ाई के दौरान ही
Gramophone Startup के फाउंडर तौसीफ खान ने बताया कि पढाई के दौरान ही सोच लिया था कि उन्हें कृषि के क्षेत्र में ही कुछ करना है,बस तब उन्हें ये पता नहीं था कि क्या करना है ? इस दिशा में उन्होंने रिसर्च वर्क शुरू कर दिया था ।किसानों से जुड़ककर तौसीफ और उनके दोस्त पढाई से समय निकलकर बात किया करते थे ।
कैसे हुआ ‘ग्रामोफान’ की शुरुआत ?
तौसीफ के अनुसार, 2016 में इंदौर में एक ऑफिस स्थापित किया. इस दौरान उनके साथ निशांत वत्स, हर्षित गुप्ता,आशीष सिंह भी थे। धीरे-धीरे आज यह टीम करीब 150 लोगों की हो गई है । कई गावों में कृषि से संबंधित पूरी रिसर्च करने के बाद चारों दोस्तों ने स्टार्टअप खोलने का निर्णय किया। और इस तरह स्टार्ट-अप की शुरुआत हो गया जिसका नाम दिया गया ‘ग्रामोफोन’
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IIT और IIM से पास छात्रों ने किया कमाल:Gramophone स्टार्ट-अप से किसानों क्या फायदा हो रहा है ?
किसानों को स्टार्ट-अप से कई फायदे मिल रहे हैं। अगर फसल में कोई बीमारी लग जाए तो उसे कितनी मात्रा में कीटनाशक या खाद देनी चाहिए । इसके अलावा भी अन्य जानकारी मुहैया कराते थे । इसके अलावा किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कॉल सेंटर कि भी स्थापित किया गया।
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कितने पैसे से शुरू हुआ Gramophone स्टार्ट-अप ?
IIT और IIM से पास छात्रों ने किया कमाल:तौसीफ कहते हैं कि स्टार्टअप कि शुरुआत छह लाख रुपये से किया था।लेकिन अब 6 सालो में टर्न ओवर करोड़ों में है।अब तक 3.50 लाख से ज्यादा किसान लाभनावित हो चुके हैं । वहीं प्रति दिन लगभग 3-4 हजार किसान विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क करते हैं। जो किसान स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करते हैं उन्हें बेसिक फोन से ही मिस्ड कॉल सेवा शुरू किया गया है। उन्हें भी उनकी समस्या का हल किया जाता है।