Maruti Wagon R Flex Fuel: मारुति भारतीय बाजार में अपने फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर आधारित गाड़ी लाने के लिए तेजी से कम कर रहा है .संभवत 2025 तक भारतीय बाजार में फ्लेक्स फ्यूल इंजन के साथ मारुति अपनी नई गाड़ी उतार देगी।
बाजार में बढ़ती हुई पेट्रोल और डीजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए वाहन बनाने वाली कंपनियां नए-नए प्रयोग कर रही है। पेट्रोल पर निर्भरता कम करने के लिए मारुति फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर आधारित गाड़ी लाने जा रही है .
Maruti Wagon R Flex Fuel कार से पेट्रोल की खपत तो कम होगा ही साथी पॉल्यूशन से भी निजात मिलेगा । मारुति का कहना है कि इस नए इंजन की पावर जेनरेट करने की क्षमता पेट्रोल इंजन के बराबर होगा . यह इंजन डुएल मॉडल पर काम करेगा
Maruti Wagon R Flex Fuel: Wagon R इन ऑटो एक्सपो 2023
मारुति अपनी इस गाड़ी को ऑटो एक्सपो लोगों के सामने प्रस्तुत किया । इसका डिजाइन वर्तमान वैगन आर से देखने में अलग लेकिन काफी आकर्षक लग रहा है।इसके पहले भी मारुति 2022 में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स शो में भी प्रदर्शित कर चुका है इस इंजन को विकसित करने के लिए मारुति अपने इंजीनियरों के साथ लगातार काम कर रहा है ।
Maruti Wagon R Flex Fuel: के इंजन में बदलाव ।
वैगन आर के इंजन को फ्लेक्स फ्यूल इंजन के अनुरूप बनाने के लिए इसमें बड़े बदलाव किए जा रहे हैं .ताकि फ्लेक्स फ्यूल इंजन की पावर जेनरेटिंग कैपेसिटी पेट्रोल इंजन के समान हो सके । साथ हीं इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि यह इंजन BS6 के मापदंडों के अनुरूप हो। इस गाड़ी का गियर बॉक्स हाई स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ संचालित होगा ।
Maruti Wagon R Flex Fuel: ENGINE से क्या लाभ होगा ?
- मारुती का कहना है कि फ्लेक्स फ्यूल इंजन द्वारा संचालित गाड़ी से पॉल्यूशन लगभग 75 से 80% तक कम हो जाएगा ।
- कच्चे तेल की आयत घटेगा ।
- विदेशी मुद्रा का वचत होगा ।
- इथेनॉल की खपत बढ़ने से गन्ना किसानों को फायदा होगा ।
- ईंधन के लिए दूसरे देश पर निर्भरता कम होगा ।
- देश आत्म निर्भर होगा ।
- गाड़ी चलाने का खर्च कम हो जायेगा ।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का फ्लेक्स फैल के बारे में क्या कहना है ?
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने भी लोगों फ्लेक्सी फ्यूल गाड़ी अपने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि धीरे-धीरे हम लोग पेट्रोल पर से निर्भरता कम करेंगे .ताकि विदेश से कच्चा तेल कम से कम आयात करने की जरूरत पड़े। यह आत्मनिर्भर भारत की और तेजी से बढ़ने का एक सार्थक कदम होगा ।
फ्लेक्स फ्यूल का निर्माण कैसे होता है ?
फ्लेक्सी फ्यूल में पेट्रोल और एथेनॉल को मिक्स कर कर बनाया जाता है। इथेनॉल का प्रोडक्शन डिस्टिलरी में शुगर केन के जूस/सिरप/मोलासेस से बनाया जाता है .
वर्तमान में सरकार के तरफ से पेट्रोल में इथेनॉल की 20% बेडिंग करने की अनुमति है । 20% तक ब्लेंडिंग करने पर गाड़ी के इंजन में कोई खास बदलाव की आवश्यकता नहीं पड़ती। लेकिन इससे ज्यादा अगर ब्लेंडिंग करने पर गाड़ी के इंजन में बड़े बदलाव करना होगा।
मारुति इसी बात को ध्यान में रखकर बैंगन आर इंजन में बदलाव कर रहा है .ताकि आने वाले समय में 75 से 80 परसेंट तक इथेनॉल पेट्रोल के साथ बेडिंग कर गाड़ी चलाया जा सके ।
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