Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeNewsSocial Media And Internet का दुष्प्रभाव : बच्चों को मानसिक रोगी बना...

Social Media And Internet का दुष्प्रभाव : बच्चों को मानसिक रोगी बना रहा है ? क्या उपाय है इसे कंट्रोल करने का ?

Social Media And Internet का दुष्प्रभाव:सोशल मीडिया और इंटरनेट की वजह से बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है .एक सर्वे के मुताबिक कई पैरंट्स ने इस बात को स्वीकार किया की इंटरनेट की वजह से उनके बच्चे मानसिक रोगी बन रहे हैं ।
वर्तमान में इंटरनेट लोगों की जिंदगी को जितना आसान बनाया है .लोग घर बैठे अपना काम चुटकियों में निपटा लेते हैं. पहले इसी काम के लिए उन्हें भाग दौड़ और ज्यादा समय देने की जरूरत पड़ती थी .लेकिन इसके साथ ही इसका दुष्प्रभाव भी बढ़ा है.

Social Media And Internet का दुष्प्रभाव:UNICEF ने क्या कहा ?

यूनिसेफ ने भी कहा है कि Social Media And Internet का दुष्प्रभाव बच्चों के ऊपर देखने को मिल रहा है। अधिकतर बच्चे कंप्यूटर या मोबाइल पर इंटरनेट के इस कदर आदि हो गए हैं .कि धीरे-धीरे बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं .

 Social Media And Internet का दुष्प्रभाव due to use of internet by children
Social Media And Internet का दुष्प्रभाव
Image symbolic by google

हालांकि बच्चों को इंटरनेट से दूर रखने के लिए यूनिसेफ के द्वारा स्टे सेफ ऑनलाइन कैंपेन चला रही है। इसके अलावा इसके उपयोग को लेकर प्रतिवर्ष सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जाता है.यह दिवस फरवरी महीने के दूसरे हफ्ते के दूसरे दिन मनाया जाता है .

इस आर्टिकल के माध्यम से मैं यहां बताने जा रहा हूं की बच्चों के ऊपर होने वाले दुष्प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है। साथ ही बच्चे किस तरह सुरक्षित इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं ।बच्चों को इस लत से बचाने के लिए पेरेंट्स को आगे आना पड़ेगा ।

वच्चों के ऊपर Social Media And Internet का दुष्प्रभाव

अमेरिका में एक सर्वे के मुताबिक दो तिहाई पैरंट्स ने इस बात को स्वीकार किया कि बच्चों द्वारा सोशल मीडिया और इंटरनेट के लगातार उपयोग करने से बच्चों में नींद आने की समस्या तथा चिड़चिड़ापन जैसी समस्या देखने को मिल रही है।

खासतौर पर कोरोना महामारी के समय बच्चे स्क्रीन पर ऑनलाइन क्लास करने के लिए स्क्रीन पर ज्यादा समय दिया जाने लगा। इसकी वजह से यह बच्चों की आदत में शुमार हो गया।
ऐसा देखा जा रहा है बच्चों में डिप्रेशन की समस्या आत्महत्या की समस्या ड्रग्स स्मोकिंग स्कूल में हिंसा आदि में तेजी से बढ़ोतरी हुआ है।

बच्चों को सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए एंड्रॉयड और आईओएस (IOS एंड्राइड सिस्टम )में पैरेंटल कंट्रोल की जो सुविधा दी गई है उसे उपयोग कर रियल टाइम मॉनिटरिंग जरूरी है।

Social Media And Internet का दुष्प्रभाव due to wrong habit of children
Social Media And Internet का दुष्प्रभाव due to use of net by children
Image symbolic by Google

Social Media And Internet का दुष्प्रभाव को कैसे रोकें ?

  • बच्चों को इस बात के लिए जागरूक करें कि कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें। इससे बच्चों को साइबर बुलीइंग, एडल्ट कंटेंट, आईडेंटिटी थेफ्ट से बचाया जा सकता है
  •  बच्चे जो डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें पैरेंटल कंट्रोल फीचर को इनेबल करना होगा।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कंटेंट फिल्टर फीचर को भी ऑन करना होगा इससे बच्चे सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं ।
  • बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस की स्क्रीन टाइम लिमिट सेट कर सकते हैं .इससे बच्चे टाइम लिमिट के अंदर ही डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं .इसके लिए एंड्राइड की सेटिंग में जाकर Digital Wellbeing में पैरेंटल कंट्रोल सेटिंग को ऑन करना होगा। आईफोन यूज  करने वाले भी पैरेंटल कंट्रोल सेटिंग ऑन कर सकते हैं। आईफोन में भी इसका विकल्प दिया हुआ है।
  • बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला मोबाइल लैपटॉप या टैबलेट में चाइल्ड अकाउंट क्रिएट पेरेंट्स उसे अकाउंट को अपने अकाउंट से लिंक कर सकते हैं। इससे पेरेंट्स को यह जानने में सहूलियत होगा कि बच्चे इंटरनेट पर क्या सर्च कर रहे हैं?
  • सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले बच्चों को रिर्पोटिंग टूल्स और ब्लॉकिंग के बारे में बताया जाना चाहिए ताकि ऑनलाइन बुलिंग से बच सकें।
  • बच्चों को किसी भी अनजान  लिंक या फाइल डाउनलोड करने से मना करना चाहिए ताकि किसी भी लिंक या फाइल के द्वारा वायरस आपका डिवाइस तक ना आ सके ।
  • बच्चों को अपना लोकेशन शेयरिंग करने से मना करना चाहिए।
वच्चों को Social Media And Internet का दुष्प्रभाव से बचाने के लिए UNICEF #Staysafeonline  कम्पैन चला रहा है । इस कम्पैन का उद्देश्य  लड़कों और लड़कियों के बीच सोशल मीडिया और ऑनलाइन नेविगेट लड़ने के बारे में जागरूक करना है।

हिंदी में न्यूज़ पढ़ने के लिए क्लिक करें 

RELATED ARTICLES

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular