Friday, November 22, 2024
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Supreme Court Judgement In BMW Case : क्या बीमा कम्पनी नयी कार देगी ? दूसरे गाड़ी के मालिक भी ध्यान से देखें और हो जाएँ सावधान ,क्या है पूरा मामला ?

Supreme Court Judgement In BMW Case: सुप्रीम कोर्ट का गुड़गांव में हुए बीएमडब्ल्यू कार एक्सीडेंट में बहुत बड़ा फैसला आया है। यह मामला साल 2012 का है .बीएमडब्ल्यू कार के मालिक मुकुल अग्रवाल इन्होंने नई बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 320D कार खरीदी थी .

लेकिन इस कार  का एक्सीडेंट 29 जुलाई 2012 को डीएलएफ स्क्वेयर मैं 12:30 बजे से 2:00 दिन के बीच में हो गया एक्सीडेंट इतना भयावह था, की गाड़ी रिपेयर करने के लायक भी नहीं रहा। इस गाड़ी के ओनर डस्सॉल्ट  सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर हैं .उन्होंने यह गाड़ी कंपनी से लोन लेकर खरीदी थी ।

Supreme Court Judgement In BMW Case : वीमा किस कम्पनी का था ?

लेकिन गाड़ी खरीदने के बाद नई बीएमडब्ल्यू कर की इंश्योरेंस बजाज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और दूसरी इंश्योरेंस बीएमडब्ल्यू सिक्योर एडवांस्ड पॉलिसी से खरीदी थी ।
इस पॉलिसी के एवज में 59158/ का प्रीमियम बजाज इंश्योरेंस कंपनी को पे किया था .साथ ही 24831 का प्रीमियम बीएमडब्ल्यू सीकर एडवांस्ड पॉलिसी को पे किया था .उसे समय गाड़ी की इंश्योर्ड डीलर वैल्यू (IDV) 29 लाख 46278 रुपैये था.

Supreme Court Judgement In BMW accident Case in Gudgaon in yr 2012
Damaged BMW car (Symbolic)
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जब गाड़ी की एक्सीडेंट हो गया तो कंपनी के मालिक मुकुल अग्रवाल वीमा कराने वाली कंपनी से कंपनी गाड़ी रिप्लेस करने की बात कही। लेकिन बीमा कंपनी गाड़ी रिप्लेस करने से मना कर दिया .इसके बाद मुकुल अग्रवाल दिल्ली कंजूमर कोर्ट गए और कंज्यूमर कोर्ट का फैसला मुकुल अग्रवाल के पक्ष में आया । बाद में यह केस विभिन्न चरणों से गुजरता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ।

Supreme Court Judgement In BMW Case: केस के बारे में

मुकुल अग्रवाल, बीएमडब्ल्यू कार के मालिक, जो आसिडेंट के बाद BMW कार मरम्मत से परे क्षतिग्रस्त हो गई थी। दो बीमा पॉलिसियों की अपनी व्याख्या के आधार पर एक नई कार का दावा करना चाहता था। एक मोटर बीमा पॉलिसी और बीएमडब्ल्यू सिक्योर एडवांस पॉलिसी। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने शुरू में कार के प्रतिस्थापन के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया।

सर्वोच्च न्यायलय द्वारा BMW केस में कमेंट

Supreme Court Judgement In BMW Case में स्पष्ट किया है कि एक बीमित व्यक्ति बीमा पॉलिसी के तहत कितना दावा कर सकता है। निर्णय इस बात पर जोर देता है कि दावा पॉलिसी में उल्लिखित कवरेज से अधिक नहीं हो सकता है। यह फैसला बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम मुकुल अग्रवाल के मामले के बाद आया है ।

Supreme Court Judgement In BMW Case

Supreme Court Judgement In BMW Case में कहा कि कि बीमाकर्ता के पास वाहन की मरम्मत या बदलने का विकल्प होता है और बिमा कम्पनी  हमेशा इसे बदलने के लिए बाध्य नहीं है। इसके अलावा, अदालत ने पाया कि बीएमडब्ल्यू पॉलिसी में आटोमेटिक रिप्लेसमेंट जैसा कोई प्रावधान नहीं है । इसने कहा कि बीएमडब्ल्यू की देनदारी केवल तभी बनेगी, जब मोटर बीमाकर्ता कुल नुकसान को एक्सेप्ट करेगा।

Supreme Court Judgement In BMW Case:मुआवजे का आदेश

Supreme Court Judgement In BMW Case कहा कि बीमाकर्ता को कार को बदलने के बजाय गाडी मालिक को आर्थिक  रूप से क्षतिपूर्ति करने का आदेश दिया। अदालत ने बीमाकर्ता से देय राशि को 25,83,012.45 रुपये निर्धारित किया और बर्बाद कार और एक नई कार के बीच मूल्य अंतर को कवर करने के लिए अतिरिक्त भुगतान का निर्देश दिया, जो कुल 3,74,012 रुपये है।

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