मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल)
संक्षिप्त समाचार (Mumbai Trans Harbour Link)- Atal Setu
Mumbai Trans Harbour Link मुंबई भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त महानगर है, जो लगातार बढ़ती आबादी और यातायात के दबाव के साथ संघर्ष कर रहा है। इस बढ़ते दबाव को कम करने और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का निर्माण किया जा रहा है। एमटीएचएल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाला 21.8 किलोमीटर लंबा सड़क पुल है। यह पूरा होने पर भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल बन जाएगा, जिससे दक्षिण मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा समय में काफी कमी आएगी।
Atal Setu:विस्तृत जानकारी (Mumbai Trans Harbour Link)
Mumbai Trans Harbour Link (एमटीएचएल) मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाला 21.8 किलोमीटर लंबा सड़क पुल है। यह पुल दक्षिण मुंबई के सेवरी से शुरू होकर, हाथी द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक से होकर गुजरता है, और न्हावा शेवा के पास चिरले गांव में खत्म होता है।
इसे बेहतर कनेक्टिविटी के लिए डिज़ाइन किया गया, एमटीएहएल ब्रिज प्रस्तावित नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, जेएनपीटी पोर्ट, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राजमार्ग तक त्वरित पहुंच की सुविधा देता है। मुंबई की ओर, यह सेवरी वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना के माध्यम से तटीय सड़क के साथ जुड़ता है।
Atal Setu 21.8 किमी में फैले, 16.50 किमी के समुद्री विस्तार और 5.5 किमी के भूमि भाग के साथ, पुल में दोनों तरफ एक अतिरिक्त आपातकालीन लेन के साथ 6-लेन राजमार्ग है। 90 मीटर से 180 मीटर के सात ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक स्पैन का उपयोग करते हुए, भारत में पहली बार, इस परियोजना में प्रमुख बिंदुओं पर इंटरचेंज शामिल हैं।
एमटीएहएल परियोजना नवीन निर्माण विधियों को शामिल कर रही है, जिसमें ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक इरेक्शन और कंक्रीट सुपरस्ट्रक्चर स्पैन का 100 प्रतिशत पूरा होना शामिल है। ₹17,843 करोड़ के बजट के तहत प्रशासित लागत वाली इस परियोजना को तीन सिविल कार्य पैकेजों में बांटा गया है, जिसमें पैकेज 4 इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस), ऑटोमेटिक टोल संग्रह और इलेक्ट्रिकल वर्क्स पर केंद्रित है।
Atal Setu: Mumbai Trans Harbour लिंक (एमटीएचएल) की प्रमुख विशेषताएं
- 21.8 किलोमीटर लंबाई
- 6-लेन राजमार्ग
- 16.50 किलोमीटर समुद्री विस्तार
- 5.5 किलोमीटर भूमि भाग
- ₹17,843 करोड़ का बजट
- 96 प्रतिशत भौतिक प्रगति
- 91 प्रतिशत वित्तीय प्रगति
Atal Setu: Mumbai Trans Harbour Link (एमटीएचएल) के लाभ
- मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा समय में कमी
- आवागमन में सुधार और यातायात का दबाव कम
- आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि
- मुंबई के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
एमटीएचएल का महत्व: - एमटीएचएल सिर्फ एक पुल नहीं है, बल्कि मुंबई के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है. यह पुल मुंबई के परिवहन बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
निष्कर्ष:
एमटीएचएल मुंबई के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा और शहर की यातायात और परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से बदल देगा. यह पुल मुंबई को एक और अधिक कुशल, टिकाऊ और समृद्ध शहर बनाने में मदद करेगा.
Mumbai Trans Harbour Link (एमटीएचएल) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
Mumbai Trans Harbour Link के निर्माण में लगभग 50,000 श्रमिक लगे हैं।
पुल के निर्माण के लिए 2.5 लाख टन स्टील और 11 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा।
एमटीएचएल का उद्घाटन 25 दिसंबर, 2023 को किया जाएगा।
Mumbai Trans Harbour Link एक वास्तविक इंजीनियरिंग चमत्कार है जो मुंबई के परिवहन परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। यह पुल मुंबई के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और शहर के भविष्य के लिए एक नई राह बनाएगा।
प्रश्न 1.: मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) क्या है?
उत्तर: एमटीएचएल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाला 21.8 किलोमीटर लंबा सड़क पुल है. यह पूरा होने पर भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल बन जाएगा.
प्रश्न 2.: एमटीएचएल के क्या लाभ हैं?
उत्तर: एमटीएचएल के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा समय में कमी
आवागमन में सुधार और यातायात का दबाव कम
आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि
मुंबई के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
प्रश्न 3.: एमटीएचएल का निर्माण कब पूरा होगा?
उत्तर: एमटीएचएल का निर्माण 25 दिसंबर, 2023 को पूरा होने वाला है.
प्रश्न 4.: एमटीएचएल का बजट कितना है?
उत्तर: एमटीएचएल का बजट ₹17,843 करोड़ है.
प्रश्न 5.: एमटीएचएल के निर्माण में कितने लोग लगे हैं?
उत्तर: एमटीएचएल के निर्माण में लगभग 50,000 श्रमिक लगे हैं.
प्रश्न6: एमटीएचएल के निर्माण के लिए कितना स्टील और कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा?
उत्तर: एमटीएचएल के निर्माण के लिए 2.5 लाख टन स्टील और 11 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा.