CHHATH MAHAPARV 2023:छठ का महापर्व प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी आज से शुरू हो गया है । यह पर्व पुरे साफ़ सफाई के साथ सात्विक तरीके से मनाया जाता है । छठ पर्व मुख्य रूप से भारत में हिंदी भाषी राज्यों खास तौर पर उत्तर प्रदेश एवं बिहार में मनाया जाता है । वैसे इस व्रत के महत्त्व को देखते हुए अब पूरे देश भर में मनाया जाने लगा है । अब तो यहपर्व देश की सीमाओं के बाहर विदेशों में भी मनाया जाने लगा है।
आज CHHATH MAHAPARV 2023 नहाय-खाय से शुरू
आज कार्तिक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है .इस दिन पर्व करने वाली महिलाएं स्नान कर नए कपड़े धारण करती हैं । फिर पूजा करने के बाद कच्चे चावल का भात चना का दाल जिसमें लौकी डाला होता है एवं अन्य सब्जी प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं .उनके खाना खाने के बाद ही परिवार के अन्य लोग खाना खाते हैं .इसके साथ ही आज से यह महापर्व शुरू हो गया है।
CHHATH MAHAPARV 2023: दूसरा दिन खरना
इसके अगले दिन खरना होता है इस दिन व्रती सुबह से उपवास पर रहती हैं एवं शाम के टाइम प्रसाद बनाती हैं । यह प्रसाद गुड़ के रस गन्ने के जूस में भी बनाया जाता है प्रसाद बन जाने के उपरांत छठी मैया की पूजा करने के बाद व्रत रखने वाली महिलाएं प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे की निर्जला उपवास करती हैं।
CHHATH MAHAPARV 2023: तीसरा दिन पहला अर्ध्य
खरना के अगले दिन प्रसाद के रूप में सभी घरों में पुरे साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए ठेकुआ ,लड्डू बनाया जाता है ।इसके अलावे प्रसाद के रूप में तमाम तरह के फल ,कच्चा नारियल, मूली, गन्ना आदि भी रहता है । पूजा में लाल धागे का बना हुआ माला भी शामिल किया जाता है , जिसे महापर्व के आखिर दिन पूजा समाप्त होने के बाद परिवार के लोग छठ मैया के आशीर्वाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
शाम के टाइम डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। इस वर्ष छठ पर्व का पहला अर्ध्य 19 नवंबर को दिया जाएगा । इस दिन सूर्यास्त का समय 5:26 का है ।
CHHATH MAHAPARV 2023: चौथा दिन दूसरा अर्ध्य
छठ पर्व का आखिरी दिन यानी 20 नवंबर को उगते हुए सूरज को अर्ध्य अर्पित किया जायेगा । इस दिन भी व्रत रखने वाली महिलाएं नदी या तालाब में जाकर उगते हुए सूरज को अर्ध अर्पित करती हैं .इसके बाद ही प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के महापर्व का समापन होता है ।
छठ व्रत क्यों किया जाता है ?
हर त्यौहार मनाने के पीछे ऐतिहासिक कारण रहता है । वैसे ही छठ व्रत मनाने के पीछे भी काफी खूबसूरत ऐतिहासिक कहानी है । साथ ही इसके वैगिनिक कारण भी है, जानने के लिए पढ़ें ।
CHHATH MAHAPARV 2023: छठ व्रत का महत्व
छठ पूजा हर साल कार्तिक महीने और चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष षष्ठी को होता है . वैसे तो यहव्रत पुरुष या स्त्री कोई भी कर सकता है । लेकिन मुख्य रूप से यह पर्व महिलाओं के द्वारा किया जाता है महिलाएं यह व्रत संतान एवं परिवार की खुशहाली सुख व समृद्धि के लिए करती हैं।
CHHATH MAHAPARV 2023:छठ पूजा करने से क्या लाभ होता है ?
छठ पूजा करने पर काफी लाभ होता है .अगर संतान को कोई कष्ट हो तो इसे लाभदायक माना जाता है .कुष्ठ रोग के लिए भी फायदेमंद होता है कहा तो यह भी जाता है कि जिसके कुंडली में सूरज की स्थिति खराब हो अथवा कमजोर हो उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
FAQ
1) छठ पर्व कितने दिनों का होता है ?
छठ पर्व कुल चार दिनों का होता है
२) छत पर्व के चार दिनों में क्या – क्या होता है ?
छठ व्रत के चार दिन इस प्रकार है 1) नहाय खाय २) खरना 3) पहला अर्ध्य 4) दूसरा अर्ध्य । ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें —
3) छठ व्रत में उपवास कितने घंटे का होता है ?
इस व्रत में निर्जला उपवास 36 घंटे का होता है ।
4) छठ पर्व क्यों मनाया जाता है ?
छठ व्रत संतान एवं परिवार की ख़ुद्दालि के लिए मनाया जाता है