Monday, December 30, 2024
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10 Largest Temple in the world: आइये चलें, biggest temple in the world के आध्यात्मिक सफर पर।

Largest Temple in the world: हिन्दू धर्म विश्व का सबसे प्राचीन और व्यापक धर्मों में से एक है, जो अनगिनत देवताओं और मंदिरों का गौरवशाली इतिहास रखता है। यहां, हम आपको 10 Largest Temple in the world के बारे में बताएंगे, जो अपने अद्वितीय स्थान, शानदार स्थापत्य, और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं।

Which is the Largest temple in the world: Angkor Wat Temple , कंबोडिया का गर्व और धरोहर [1/10]

Largest Temple in the world: कम्बोडिआ देश में स्थित Angkor Wat Temple, जिसे यहां के नगर अंकोरयोम में स्थित है, विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है। इसका निर्माण 12वीं सदी में कंबुज राजा सूर्यबर्मन द्वितीय ने किया था। यह मंदिर करीब 500 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है ।

largest temple in the world
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यूनेस्को धरोहर स्थल: Angkor Wat Temple विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और इसकी दीवारों पर भारतीय हिंदू धर्म के प्रसंगों का विस्तार से चित्रण है।

गहरी खाई और पत्थर का पुल: मंदिर के चारों ओर एक गहरी खाई है, जिसे पार करने के लिए ढाई मील लंबा और 650 फुट चौड़ा पत्थर का पुल बनाया गया है।

तीन खंडों का मंदिर: Angkor Wat Temple तीन खंडों में बना है, जिनमें सुंदर मूर्तियां और सीढ़ियां हैं, जो प्रत्येक खंड से ऊपर के खंड तक पहुंचने के लिए हैं।

विशाल द्वार और पुल: Angkor Wat Temple में प्रवेश के लिए एक विशाल द्वार है, जो लगभग 1000 फुट चौड़ा है, और दीवारों से घिरा हुआ है। मंदिर के पहले खंड तक पहुंचने के लिए एक 36 फुट चौड़ा पुल भी है।

बौद्ध रूप में परिवर्तन: मंदिर ने 12 वीं शताब्दी के अंत में बौद्ध मंदिर में परिवर्तित हो जाने का सफर तय किया।

कंबोडिया का प्रतीक: Angkor Wat Temple कंबोडिया का राष्ट्रध्वज में भी स्थान पाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।

पुनर्निर्माण का कार्य: फ्रांसीसी पुरातत्वविद हेनरी महोत के कारण 19वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ।

भारतीय संरक्षण: 1986 से 1993 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मंदिर का संरक्षण किया।

कंबोडिया का गर्व: अंकोरवाट कंबोडिया का गर्व और एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो कंबोडिया की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया भर में प्रस्तुत करता है।

कैसे पहुंचें:
कंबोडिया जाने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और बेंगलुरु से फ्लाइटें मिलती हैं और वहां के एयरपोर्ट से बस और कैब की सुविधा है। वीजा की दृष्टि से ऑन-आराइवल और ई-वीजा उपलब्ध हैं।

Second biggest Temple in the world : पशुपतिनाथ मंदिर [2/10]

हिंदू धर्म विश्व का एक प्राचीन और समृद्ध धर्म है, जिसमें आकाश और पृथ्वी के सर्वशक्तिमान ईश्वर के निवास को ‘मंदिर’ कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुयायी अपने श्रद्धा और भक्ति का प्रकटीकरण करने के लिए विभिन्न भव्य मंदिरों की यात्रा करते हैं। इनमें से एक ऐसा मंदिर है जो अपने विशालकाय और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है और Angkor Wat टेम्पल के बाद Second biggest Temple in the world माना जाता है।

Largest Temple in the World
pashupatinath mandir (BhaktiBharat)

पशुपतिनाथ मंदिर: Second biggest Temple in the world

महत्वपूर्ण स्थान: पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के काठमांडू नगर में स्थित है और यह शिव को समर्पित है, जिसे पशुपति नाथ कहा जाता है। यह स्थल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्रतम स्थान माना जाता है।

सबसे पुराना मंदिर: पशुपतिनाथ मंदिर दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसकी नींवें 5वीं सदी में रजा पृथ्वीनारायण ने रखी थी।

विशालकाय मंदिर: यह मंदिर अपनी विशालकायता के लिए प्रसिद्ध है और इसका विस्तार लगभग 264 एकड़ है। मंदिर का शिखर 23.6 मीटर (77 फीट) की ऊचाई पर स्थित है।

नीलकंठ शिवलिंग: मंदिर के गर्भगृह में स्थित नीलकंठ शिवलिंग अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहां शिवरात्रि के दिन लाखों भक्तों की भीड़ आती है।

पवित्र बाग: मंदिर के परिसर में एक पवित्र बाग है जहां धार्मिक आचरण और ध्यान के लिए स्थान है। यहां भक्ति और शांति की अनुभूति की जा सकती है।

अनेक प्रतिमाएं: मंदिर में कई छोटे-बड़े मंदिर और प्रतिमाएं स्थित हैं, जिनमें नंदी बुलाने वाली माता पार्वती, विराजमान हनुमान, और भगवान विष्णु की मूर्तियां शामिल हैं।

धार्मिक महत्व: पशुपतिनाथ मंदिर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और यहां विभिन्न त्योहारों और मेलों का आयोजन किया जाता है।

कुम्भ मेला: पशुपतिनाथ मेला, जिसे हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है, यहां हिंदू धर्म के अनुयायियों को एकत्र करने का उद्देश्य है।

नेपाली सांस्कृतिक विरासत: पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और यहां आने वाले पर्यटकों को एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।

आध्यात्मिक सुंदरता: पशुपतिनाथ मंदिर का आध्यात्मिक और सुंदर वातावरण भक्तों को शांति और मोक्ष की प्राप्ति का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

पशुपतिनाथ मंदिर विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है, जो अपनी प्राचीनता, भव्यता, और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रमुख है। यहां आने वाले भक्तों को एक अद्वितीय और धार्मिक अनुभव का समर्पण होता है जो उन्हें भगवान शिव के साथ एक सात्विक जीवन की दिशा में प्रेरित करता है।

स्वामीनारायण अक्षरधाम, उत्तरी अमेरिका (Swaminarayan Akshardham, North America) [3/10]

नार्थ अमेरिका में 8 अक्टूबर 2018 को समर्पित किया गया, विश्व का Third biggest Temple in the world , जिसका नाम है ‘अक्षरधाम’, इसे BAPS (Bochasanwasi अक्षर Purushottam Swaminarayan Sanstha) स्वामीनारायण अक्षरधाम संगठन ने निर्माण किया है, और यह दुनिया में भारत के बाहर स्थित Second biggest Temple in the world होगा।

largest temple in the world
akshardham-temple-new-jersey(credit to Akshardham)

मुख्य बातें:

स्थान: यह मंदिर अमेरिका के रॉबिंसविल टाउनशिप, न्यू जर्सी में स्थित है, जो न्यूयॉर्क सिटी से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण में है।

निर्माणकारी संगठन: इस महान मंदिर का निर्माण BAPS स्वामिनारायण अक्षरधाम संगठन ने किया है, जिसमें 12,500 से अधिक स्वयंसेवक ने 2011 से 2023 तक 12 वर्षों के दौरान सहयोग किया है।

मंदिर का आकार: अक्षरधाम मंदिर का क्षेत्रफल 183 एकड़ है और इसे प्राचीन हिंदू शास्त्रों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है, जिसमें भारतीय सांस्कृतिक के आदान-प्रदान को मजबूत किया गया है। इसमें 10,000 मूर्तियां और प्रतिमाएं शामिल हैं, जिनमें भारतीय संगीत वाद्य और नृत्य रूपों की कढ़ाईयाँ शामिल हैं।

मंदिर का डिज़ाइन: इस अनूठे हिंदू मंदिर का डिज़ाइन में एक मुख्य श्राइन, 12 उप-श्राइन, नौ शिखर (शिखर की तरह की संरचनाएं), और नौ पिरामिडल शिखर हैं। इसे दरअसल कुछ सूचनाओं के अनुसार ऐसा डिज़ाइन किया गया है जिससे इसकी दीवारें टूटने और गिरने से बच सकें।

समर्पण: इस मंदिर का समर्पण 19वीं सदी के हिंदू आध्यात्मिक नेता भगवान स्वामिनारायण को है, जिनके प्रेरणास्त्रोत से यह निर्मित हुआ है।

अक्षरधाम मंदिर अमेरिका को दुनिया में भारत के बाहर स्थित सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक बना रहेगा, जिसका अद्वितीय डिज़ाइन और भव्यता आकर्षित कर रहा है।

रंगनाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम, भारत: Fourth Largest Temple in the World [4/10]

Fourth Largest Temple in the World : श्रीरंगम, तमिलनाडु, भारत में स्थित रंगनाथस्वामी मंदिर भगवान विष्णु के आठ स्वयंभू मंदिरों में सर्वोत्तम और प्रमुख है। इस अद्वितीय हिंदू मंदिर का आकार 155 एकड़ है और इसकी महत्वपूर्णता पुराणिक कथाओं और इतिहास से भरी है।

biggest temple in the world
रंगनाथस्वामी मंदिर (image credit to tv9)

मंदिर की महत्वपूर्ण बातें:

स्थान: रंगनाथस्वामी मंदिर श्रीरंगम, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु, भारत में स्थित है। यहां भगवान विष्णु की पूजा होती है और यह आठ स्वयंभू मंदिरों में सर्वोत्तम माना जाता है।

मंदिर का आकार और प्रमुख स्थल: यह हिन्दू मंदिर कुल 155 एकड़ में फैला है और इसमें 81 मंदिर, 21 टावर, 39 मंडप और कई पानी के कुंड हैं। इसका निर्माण धर्म वर्मा चोल द्वारा किया गया था, और इसमें कई पुनर्निर्माण योजनाएं भी शामिल हैं।

पौराणिक महत्व: इस मंदिर का निर्माण पहले धर्म वर्मा चोल ने किया था, लेकिन कावेरी नदी की बाढ़ ने मंदिर को नष्ट कर दिया था। इसके बाद किलिवलवन ने मंदिर का पुनर्निर्माण किया, जिससे यह आज का रूप प्राप्त करता है।

ऐतिहासिक पुनर्निर्माण: 14वीं शताब्दी में, दिल्ली सल्तनत की सेनाएं ने मंदिर को लूटा और नष्ट किया। इसके बाद 14वीं शताब्दी में पुनर्निर्माण हुआ और 16वीं और 17वीं शताब्दी में इसे विस्तारित किया गया।

महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल: रंगनाथस्वामी मंदिर एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जो प्रारंभिक और मध्य मध्ययुगीन दक्षिण भारतीय समाज और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

विशेष विचार:

रंगनाथस्वामी मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है, जिसे देवी रंगनायकी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए प्रसिद्धता हासिल है। इसका अद्वितीय डिज़ाइन और ऐतिहासिक महत्व भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को बखूबी प्रतिष्ठानित करता है।

स्वामीनारायण अक्षरधाम, दिल्ली: Fifth Largest Temple In The World [5/10]

भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का गर्व, स्वामीनारायण अक्षरधाम, दिल्ली, एक ऐसा स्थान है जहां आध्यात्मिकता, शिक्षा, और सद्भाव का मिलन होता है। यह हिन्दू मंदिर लगभग 90 एकड़ के क्षेत्र में विस्तृत है और इसे Fifth Largest Temple In The World में गर्वित किया जाता है।

biggest temple of India
akshardham टेम्पल, New  delhi (image credit to youtube)

मंदिर की विशेषताएं:

अक्षरधाम का अर्थ: ‘अक्षरधाम’ का अर्थ है ‘ईश्वर का दिव्य निवास’। यह एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर है जो भगवान स्वामीनारायण, अवतार, देवताएं, और महान संतों के श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित है।

मंदिर का आकार: मंदिर का मुख्य भव्य मंदिर 141-फुट ऊँचा, 316-फुट चौड़ा, और 356-फुट लंबा है। इसका निर्माण राजस्थानी गुलाबी बलुआ पत्थर और इतालवी कैरारा संगमरमर से किया गया है।

आलंकृत नक्काशीदार स्तंभ और गुंबद: मंदिर में 234 अलंकृत नक्काशीदार स्तंभ, 9 गुंबद, और 20,000 मूर्तियां हैं जो भक्तों को अद्वितीयता का अहसास कराती हैं।

मुख्य मंदिर की विशेषता: मंदिर के केंद्रीय गुंबद में स्वामीनारायण की अभयमुद्रा में 11 फुट ऊंची मूर्ति है, जो आकर्षक और शांतिप्रद रूप से बनाई गई है।

भारत उपवन: स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर में भारत उपवन नामक मनोरम उद्यान है जहां महात्मा गांधी समेत भारतीय महान व्यक्तियों की कांस्य मूर्तियां स्थापित हैं।

हाथी की मूर्तियां: मंदिर के आधार पर गजेंद्र पीठ है, जिसमें 3000 टन वजन वाले 148 आदमकद हाथियों की मूर्तियां हैं, जो हिंदू संस्कृति और भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती हैं।

विचार:

स्वामीनारायण अक्षरधाम, दिल्ली, एक सच्चे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में सबको आकर्षित करता है और भक्तों को शांति और सकारात्मकता का अहसास कराता है। यहां के सुंदर आर्किटेक्चर और श्रीग्रंथों से प्रेरित नक्काशीदार स्तंभों का सजीव अनुभव करने के लिए लाखों लोग आते हैं और इस अद्वितीय स्थल का आनंद लेते हैं।*

Ram Mandir, अयोध्या: भव्यता और अध्यात्म का नया आयाम [6/10]

राम मंदिर, अयोध्या, भारत का एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है जिसे भगवान श्रीराम के भक्तों का अद्वितीय प्रमाण माना जाता है। यहां एक नए युग की शुरुआत हुई है, जब 22 जनवरी, 2024, को राम मंदिर का आधिकारिक रूप से मंदिर के नए स्वरूप में, भगवान राम के साथ सीता माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सभी भक्तो के लिए देश को समर्पित किया जायेगा। यह 10 largest temple in the world में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है । इसे उतर भारत का निःसंदेह  largest Temple कहा जा सकता है ।

largest temple in the world
“Ram Mandir Ayodhya” , Google

इनॉगरेशन की तिथि: 22 जनवरी, 2024

क्षेत्रफल और आकृति:
राम मंदिर का वर्तमान परिसर का क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है, जिसमें मुख्य मंदिर के अलावा परिसर के और भी आकर्षक स्थल शामिल हैं, लेकिन भविष्य में मंदिर के परिसर को विस्तार करके 67 एकड़ एरिया को परिसर में शामिल किया जायेगा ।  इसकी सुंदर आकृति और भव्य स्थापत्य ने इसे एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी बना दिया है।

निर्माण और आधार:
राम मंदिर का निर्माण भगवान श्रीराम के अवतार रूप में जाने जाने वाले भगवान के भक्तों के सहयोग से हुआ है। इस भव्य मंदिर का निर्माण स्वयं श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने किया  लेकिन इसकी आधिकारिक इनॉगरेशन 22 जनवरी, 2024 को हुई, जो एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।

महत्व:
राम मंदिर का निर्माण एक बड़े इतिहास, सांस्कृतिक, और धार्मिक समर्पण की कहानी है। यह भगवान राम के भक्तों के लिए एक अद्वितीय स्थल है जो एकता, श्रद्धा, और समर्पण का प्रतीक है। इसमें समर्पित भक्तों की भागीदारी ने इसे एक औरतरीक से महत्वपूर्ण बना दिया है, जिससे भारतीय समाज में एकता की भावना बढ़ी है।

निष्कर्ष :
राम मंदिर का नया आयाम एक नए युग की शुरुआत की गई है, जो भगवान राम के प्रति भक्ति, समर्पण, और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। यह मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है जो भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का हिस्सा है और एक नए युग की शुरुआत के साथ ही लोगों को एक सजीव धार्मिकता के साथ जोड़ता है।

नटराज मंदिर, तमिलनाडु: भगवान शिव की अनंत तांडव में आसीन विशेष मंदिर [7/10]

मिलनाडु के चिदंबरम शहर में स्थित तिल्लै नटराज मंदिर एक अद्वितीय स्थल है जो भगवान शिव को अनंत तांडव में आसीन दर्शाता है। यह मंदिर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और पल्लव, चोल, पांड्य, विजयनगर, और चेरा जैसी विभिन्न राजवंशों द्वारा संरक्षित किया गया है। यह 10 largest temple in the World में स्थान रखता है।

Biggest Temple in the World
नटराज मंदिर(credit to flicker}

मंदिर की विशेषताएं:

भगवान नटराज की समर्पण: यह मंदिर भगवान शिव के नटराज रूप में समर्पित है, जिन्हें अनंत तांडव के अंगुलीयों में बजाया जाता है।

मंदिर का क्षेत्र: मंदिर का क्षेत्र कई एकड़ों में फैला है और इसमें भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमाएं भी हैं।

राजवंशों द्वारा संरक्षित: पल्लव, चोल, पांड्य, विजयनगर, और चेरा जैसे विभिन्न राजवंशों ने इस मंदिर की सजावट में योगदान किया है और इसे बनाए रखने का कार्य किया है।

गोपुरम और सभाएं: प्रत्येक गोपुरम सात मंजिले वाले हैं और इसमें करीब 50 नक्काशीदार मूर्तियां हैं। मंदिर में पाँच सभाएं हैं – चित् सभा, कनक सभा, नृत्य सभा, देव सभा, और राज्य सभा।

कनक सभा: यहां प्रतिदिन कनक सभा में पूजाएं आयोजित की जाती है और यह सभा महत्वपूर्ण आराधना की जगह है।

मंदिर का महत्व:

तिल्लै नटराज मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक समृद्धि, और ऐतिहासिक धरोहर का आपसी मिलन होता है। यहां की अनूठी शैली, नक्काशी, और प्राचीनता दर्शनीय हैं, जो प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। मंदिर का समर्पण भगवान नटराज को, जो सृष्टि के नृत्य करते हैं, किया गया है और इससे यह स्थान हिन्दू धर्म के अद्वितीयता और सौंदर्य की भावना से भरपूर है।

जम्बुकेश्वर मंदिर: तिरुचिरापल्ली में स्थित यह 10 largest temple in the World में स्थान रखता है। [8/10]

तामिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित जम्बुकेश्वर मंदिर, जिसे तिरुवनायकवल शिव मंदिर भी कहा जाता है, विश्व का 7th largest temple in the World  है। यहां का अनूठा रूप और ऐतिहासिक महत्व इसे विशेष बनाते हैं।

Largest Temple In the World
जम्बुकेश्वर मंदिर(social Media)

मुख्य बिंदुः जल स्तोम और पंचभूत स्तोम:
जम्बुकेश्वर मंदिर पंचभूत स्तोम्स में से एक है और यह ‘जल’ का प्रतिनिधित्व करता है। मुख्य गर्भगृह में भूमिगत जलधारा है जो मंदिर को अद्वितीय बनाती है।

महत्वपूर्ण देवता: जम्बुकेश्वर (अप्पू लिंगम):
इस मंदिर का मुख्य विग्रह जम्बुकेश्वर (अप्पू लिंगम) है, जो प्राकृतिक तत्व पानी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पौराणिक कथा:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक मंदिर में कैलाश से अखिलांडेश्वरी आई थीं और उन्होंने यहां पर कावेरी नदी के पानी से एक लिंगम बनाया।

निर्माण और शैली:
महाराजा कोकेंगन्नन चोल ने पहली शताब्दी में इस महान मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर में चोल काल के शिलालेख और मूर्तियां भी हैं, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाती हैं।

सुझाव और अनुभव:
यहां आने वाले श्रद्धालु लोगों को अपनी यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए सुनिश्चित करना चाहिए। जम्बुकेश्वर मंदिर का दौरा करके वे भगवान शिव के अनूठे स्वरूप और प्राकृतिक सौंदर्य से मिलता हैं, जो एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

एकंबरेश्वरर मंदिर: दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्ध मंदिर [9/10]

एकंबरेश्वरर मंदिर, जो कि दक्षिण भारत के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में से सबसे बड़ा है, एक शानदार और धार्मिक स्थल है। इस मंदिर का क्षेत्र 25 एकड़ से भी ज्यादा है और यहां वर्षभर में 12 उत्सव होते हैं, साथ ही प्रतिदिन देवता को छह बार भोग चढ़ाया जाता है। यह 10 largest temple in the World में स्थान रखता है।

 

largest temple in the world
एकंबरेश्वरर मंदिर (youtube)

मुख्य देवता: भगवान शिव
स्थान: एकम्बरनाथर सन्नथि स्ट्रीट, पेरिया, कांचीपुरम, तमिलनाडु 631502
समय: सुबह 6 बजे से 11 बजे तक; शाम 5 बजे से 8 बजे तक
मंदिर की महत्वपूर्ण बातें:

आकार और शैली: एकंबरेश्वरर मंदिर का क्षेत्र 25 एकड़ से भी ज्यादा है, जिससे यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। इसकी शैली और सजगता मंदिर को विशेष बनाती हैं।

उत्सव और ब्रत: मंदिर में वर्षभर में 12 उत्सव होते हैं जो स्थानीय और बाह्य श्रद्धालुओं को एक साथ आने का अवसर प्रदान करते हैं।

प्रतिदिन भोग चढ़ाया जाता है: देवता को प्रतिदिन छह बार भोग चढ़ाया जाता है, जिससे भक्तों को एक सांत्वना का अहसास होता है।

प्रमुख पर्वों का आयोजन: मंदिर में विभिन्न पर्व जैसे कि महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा जैसे पर्वों का आयोजन किया जाता है।

कैसे पहुंचें: कांचीपुरम चेन्नई से 68 किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए जो लोग मंदिर की दर्शनीयता करना चाहते हैं, वे फ्लाइट से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, कांचीपुरम का अपना बस टर्मिनल और रेलवे स्टेशन है, जिससे यह भारत के सभी प्रमुख शहरों से संपर्क में है, और विशेष रूप से चेन्नई के बहुत ही करीब है।

सुझाव:
यहां आने वाले श्रद्धालु लोग अपनी यात्रा के लिए अग्रिम में सुनिश्चित करें कि वे अपनी सामग्री को सुरक्षित रखें और यात्रा को अच्छे से आयोजित करें। इस महान मंदिर की शांति और धार्मिकता का अनुभव करने के लिए यह एक अद्वितीय स्थल है।

वेंकटेश्वर मंदिर – तिरुपति: भगवान वेंकटेश्वर का प्रमुख धाम [10/10]

तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर ने सभी प्रमुख मंदिरों में शीर्ष पर बनाया है अपना स्थान। यहां हर साल लाखों भक्त आते हैं और भगवान विष्णु के विशेष पूजकों द्वारा लोग बाल, धन, और मन्यवर समर्पित करते हैं। यह  भी  10 largest temple in the World में स्थान रखता है। यह भारत का Richest टेम्पल भी माना जाता है ।

largest temple in the world
tirupatibalaji mandir (image credit to indiatv)

मुख्य विग्रह: भगवान वेंकटेश्वर
तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर का मुख्य विग्रह भगवान वेंकटेश्वर है, जिन्हें पूरे देशभर से आने वाले भक्तों का आदर्श धाम माना जाता है।

स्थान: एस मडा स्ट्रीट, तिरुमला, तिरुपति, आंध्र प्रदेश
मंदिर का स्थान एस मडा स्ट्रीट, तिरुमला, तिरुपति, आंध्र प्रदेश 517504 है, जो भक्तों के लिए आसान पहुंच जाने वाला है।

समय: सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक
मंदिर का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 9 बजे तक है, जिससे भक्तों को सही समय पर धार्मिक क्रियाएं करने का अवसर मिलता है।

पहुंच का तरीका: हवाई, रेल, और सड़क
तिरुपति ने एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल बनने के बाद हॉवर्ड फ्लाइट्स से हैदराबाद, चेन्नई, और बैंगलोर के साथ अच्छी कनेक्टिविटी विकसित की है। यहां पहुंचने के लिए टिरुपति का अपना हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है, जिससे भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ अच्छी जुड़ाव है।

भक्ति और सेवा का महत्वपूर्ण केंद्र:
तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में आने वाले भक्तों को भगवान विष्णु के प्रति उनकी अद्वितीय भक्ति और सेवा का महत्वपूर्ण आदर्श मिलता है। मंदिर में जाकर वे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और जीवन को धार्मिकता और सेवा के माध्यम से समृद्धि की ओर बढ़ाते हैं।

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