Thursday, November 21, 2024
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Lohari 2024: इस दिन मनेगी खुशियों की धूम, जानें शुभ मुहूर्त और परंपराएं ।

Lohari 2024: लोहड़ी का त्यौहार इतिहास, मान्यताएं और महत्व

लोहरी का त्यौहार भारत में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में मनाया जाता है । यह त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले, पौष माह की अमावस्या को मनाया जाता है । लोहड़ी को पंजाबी में लोहड़ी, हरियाणवी में लोहड़ी, हिमाचली में लोहड़ी, उत्तर प्रदेशी में धूली चौथ, राजस्थानी में लोहड़ी और दिल्ली में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है ।

Lohari 2024 : क्या है लोहड़ी का इतिहास?

Lohari 2024: लोहड़ी का त्यौहार कृषि और प्रकृति से जुड़ा हुआ है । इस दिन किसान अपनी नई फसलों को अग्नि में समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद अर्पित करते हैं । लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कई पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यताएं प्रचलित हैं ।

Lohari
lohri-festival-india (image credit to theindianweek)

Lohari 2024 : पौराणिक मान्यताएं

Lohri 2024 :लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं प्रचलित हैं । एक मान्यता के अनुसार, इस दिन सती के आत्मदाह की याद में यह त्यौहार मनाया जाता है । जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर सती ने आत्मदाह कर लिया था, तो उसी दिन की याद में यह पर्व मनाया जाता है ।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने लोहिता नाम की राक्षसी का वध किया था । कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए नंदगांव में लोहिता नाम की राक्षसी को भेजा था । उस समय सब लोग मकर संक्रांति की तैयारी कर रहे थे । कृष्णजी ने लोहिता का ही वध कर दिया । इस कारण से भी मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व लोहड़ी का त्यौहार धूमधाम से  मनाया जाता है ।

Lohari 2024
lohari (image credit to Herzindgi)

Lohari Festival : ऐतिहासिक मान्यताएं

Lohari Festival : लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कुछ ऐतिहासिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं । एक मान्यता के अनुसार, अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था । उसे पता चला कि संदलबार( वर्तमान पाकिस्तान) में लड़कियों की बाजारी होती है । तब दुल्ला ने इस का विरोध किया और लड़कियों को दुष्कर्म से बचाया कर उनकी शादी करवा दी । इस दिन सरदार दुल्ला के विजय के कारण भी लोग लोहड़ी का पर्व मनाते हैं ।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, लोहड़ी का त्यौहार संत कबीर की पत्नी लोई की याद में मनाया जाता है ।

Lohari 2024: लोहड़ी का महत्व

लोहड़ी का त्यौहार खुशी और उल्लास का प्रतीक है । इस दिन लोग मिलजुलकर मनाते हैं और खुशियों के गीत गाते हैं । लोहड़ी का त्यौहार प्रकृति और कृषि का भी प्रतीक है । इस दिन किसान अपनी नई फसलों को अग्नि में समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद अर्पित करते हैं ।

लोहड़ी का त्यौहार एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्यौहार है । यह त्यौहार लोगों को एक साथ लाने और खुशियों का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

when is lohari
significance-of-lohri-for-newly-married-couple(image credit to social media)

Lohari 2024 किस दिन मनाई जाएगी और समय क्या होगा? (When is Lohari)

When is Lohari : ज्योतिषियों की मानें तो 15 जनवरी (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 02 बजकर 43 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश के दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। अतः साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। और मकर सक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है इसलिए लोहड़ी 14 जनवरी 2024 को ही मनाई जाएगी । इस साल 2024 में लोहड़ी का शुभ मुहूर्त शाम 5:34 से रात 8:12 तक रहेगा

lohari festival
lohari (Image credit to RoyalPatiyala)

Lohari 2024: लोहड़ी के दिन की परंपराएं

लोहड़ी के दिन की कुछ परंपराएं निम्नलिखित हैं:-

  • इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं ।
  • इस दिन लोग घरों के बाहर चौक बनाते हैं और उसमें अग्नि जलाते हैं ।
  • इस दिन लोग अग्नि में तिल, मूंगफली, गुड़, गजक, रेवड़ी आदि डालते हैं ।
  • इस दिन लोग अग्नि के चारों ओर घूमते हैं और खुशियों के गीत गाते हैं ।
  • इस दिन लोग रिश्तेदारों और दोस्तों को लोहड़ी के उपहार भेजते हैं ।

लोहड़ी का त्यौहार एक पावन त्यौहार है । यह त्यौहार लोगों को एक साथ लाने और खुशियों का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

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