अयोध्या राम मंदिर: भव्य वास्तुकला और आस्था का संगम
सरयू नदी के तट पर स्थित अयोध्या Ram Mandir भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है, जो हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। अयोध्या राम मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और आकर्षक है, जो इसे एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बनाती है।
सरयू नदी के पावन तट पर उभरता हुआ अयोध्या राम मंदिर भव्यता और इतिहास का अनूठा संगम है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक यह मंदिर अपनी वास्तुकला के साथ-साथ संख्याओं में भी अनूठा है।
आइये, इस भव्य Ram Mandirकी संख्याओं की दुनिया में एक सफर करें:-
मंदिर परिसर का सम्पूर्ण क्षेत्रफल : 2.7 एकड़
मंदिर का निर्मित (Builtup Area) क्षेत्रफल : 57,400 वर्गफीट
भूतल पर स्तम्भों की कुल संख्या : 160
प्रथम तल पर स्तम्भों की कुल संख्या : 132
द्वितीय तल पर स्तम्भों की कुल संख्या : 74
कुल तलों की संख्या : 03
मंदिर में कुल स्तम्भों की कुल संख्या : 366
भूतल से मंदिर के गर्भगृह की ऊंचाई : 161 फीट
मंदिर के प्रत्येक तल की ऊंचाई : 20 फ़ीट
मुख्य मंदिर की लम्बाई : 360 फ़ीट
मुख्य मंदिर की चौड़ाई : 235 फ़ीट
Ayodhya Ram Mandir: स्तंभों की संख्या- 360 से ज्यादा खूबसूरत तराशे गए स्तंभ मंदिर के विभिन्न भागों को सहारा देते हैं। ये स्तंभ नागर शैली की वास्तुकला का एक प्रमुख तत्व हैं और मंदिर को भव्यता प्रदान करते हैं।
Ayodhya Ram mandir: मंदिर की शैली
अयोध्या राम मंदिर की वास्तुकला नागर शैली पर आधारित है, जो उत्तर भारत की मंदिर निर्माण की एक पारंपरिक शैली है। नागर शैली के मंदिरों में एक ऊंचा शिखर होता है, जो मंदिर की सुंदरता को बढ़ाता है। अयोध्या राम मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा है, जो इसे दुनिया का सबसे ऊंचा हिंदू मंदिर बनाता है।
Ram mandir Ayodhya का स्वरूप :
Ayodhya Ram Mandir एक तीन मंजिला मंदिर है, जिसका आधार एक चतुर्भुज है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। गर्भगृह के ऊपर एक मंडप है, जो भक्तों के लिए प्रार्थना करने के लिए एक स्थान प्रदान करता है। मंदिर के चारों ओर एक परिसर है, जिसमें एक संग्रहालय, एक पुस्तकालय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
तीन मंजिलों में छिपा अयोध्या Ram Mandir का रहस्य, तीनों लोकों की झलक:
मंदिर में कुल तीन मंजिल होंगी, जो पाताल, मध्यलोक और स्वर्गलोक का प्रतिनिधित्व करती हैं। पहली मंजिल, जिसे गर्भगृह कहा जाता है, जमीन से 70 फीट ऊपर स्थित है और यहां भगवान राम की मूर्ति विराजमान होगी। दूसरी मंजिल, जिसे अंतराल कहते हैं, 100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और भक्तों के लिए दर्शन का स्थान होगा। तीसरी मंजिल, जिसे मंडप कहा जाता है, 131 फीट की ऊंचाई पर सबसे ऊपर स्थित है और यहां बड़े धार्मिक समारोह आयोजित किए जाएंगे।
Ayodhya Ram Mandir के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री:
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़ों से प्राप्त गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। यह पत्थर अपनी सुंदरता और मजबूती के लिए जाना जाता है। मंदिर के निर्माण में लगभग 5 लाख टन पत्थर का उपयोग किया जाएगा।
Ram Mandir Ayodhya Opening Date:
Ram Mandir Ayodhya Opening Date: अयोध्या राम मंदिर का निर्माण 5 अगस्त, 2020 को भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था। मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और उम्मीद है कि यह 2024 तक पूरा हो जाएगा। राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पूर्वनिर्धारित तिथि को किया जायेगा। इस समारोह में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी होंगें। इस समारोह में सभी वर्गों के करीब 3000 अतिथियों को आमिन्त्रित किया गया है, जिसमें पॉलिटिशंस, सिनेमा और खेल जगत से जुड़े लोगों, साधु संतो शामिल हैं ।
इस समारोह में सुरक्षा कारणों से सीमित लोग ही आमंत्रित होगें । सूत्रों के अनुसार इस समारोह के बाद 23rd जनवरी को सभी भक्तों के लिए के लिए खोल दिया जायेगा ।
अयोध्या राम मंदिर की वास्तुकला एक अद्भुत कृति है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र होगा।
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