Lohari 2024: लोहड़ी का त्यौहार इतिहास, मान्यताएं और महत्व
लोहरी का त्यौहार भारत में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में मनाया जाता है । यह त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले, पौष माह की अमावस्या को मनाया जाता है । लोहड़ी को पंजाबी में लोहड़ी, हरियाणवी में लोहड़ी, हिमाचली में लोहड़ी, उत्तर प्रदेशी में धूली चौथ, राजस्थानी में लोहड़ी और दिल्ली में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है ।
Lohari 2024 : क्या है लोहड़ी का इतिहास?
Lohari 2024: लोहड़ी का त्यौहार कृषि और प्रकृति से जुड़ा हुआ है । इस दिन किसान अपनी नई फसलों को अग्नि में समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद अर्पित करते हैं । लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कई पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यताएं प्रचलित हैं ।
Lohari 2024 : पौराणिक मान्यताएं
Lohri 2024 :लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं प्रचलित हैं । एक मान्यता के अनुसार, इस दिन सती के आत्मदाह की याद में यह त्यौहार मनाया जाता है । जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर सती ने आत्मदाह कर लिया था, तो उसी दिन की याद में यह पर्व मनाया जाता है ।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने लोहिता नाम की राक्षसी का वध किया था । कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए नंदगांव में लोहिता नाम की राक्षसी को भेजा था । उस समय सब लोग मकर संक्रांति की तैयारी कर रहे थे । कृष्णजी ने लोहिता का ही वध कर दिया । इस कारण से भी मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व लोहड़ी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है ।
Lohari Festival : ऐतिहासिक मान्यताएं
Lohari Festival : लोहड़ी के त्यौहार को लेकर कुछ ऐतिहासिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं । एक मान्यता के अनुसार, अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था । उसे पता चला कि संदलबार( वर्तमान पाकिस्तान) में लड़कियों की बाजारी होती है । तब दुल्ला ने इस का विरोध किया और लड़कियों को दुष्कर्म से बचाया कर उनकी शादी करवा दी । इस दिन सरदार दुल्ला के विजय के कारण भी लोग लोहड़ी का पर्व मनाते हैं ।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, लोहड़ी का त्यौहार संत कबीर की पत्नी लोई की याद में मनाया जाता है ।
Lohari 2024: लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी का त्यौहार खुशी और उल्लास का प्रतीक है । इस दिन लोग मिलजुलकर मनाते हैं और खुशियों के गीत गाते हैं । लोहड़ी का त्यौहार प्रकृति और कृषि का भी प्रतीक है । इस दिन किसान अपनी नई फसलों को अग्नि में समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद अर्पित करते हैं ।
लोहड़ी का त्यौहार एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्यौहार है । यह त्यौहार लोगों को एक साथ लाने और खुशियों का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
Lohari 2024: लोहड़ी के दिन की परंपराएं
लोहड़ी के दिन की कुछ परंपराएं निम्नलिखित हैं:-
- इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं ।
- इस दिन लोग घरों के बाहर चौक बनाते हैं और उसमें अग्नि जलाते हैं ।
- इस दिन लोग अग्नि में तिल, मूंगफली, गुड़, गजक, रेवड़ी आदि डालते हैं ।
- इस दिन लोग अग्नि के चारों ओर घूमते हैं और खुशियों के गीत गाते हैं ।
- इस दिन लोग रिश्तेदारों और दोस्तों को लोहड़ी के उपहार भेजते हैं ।
लोहड़ी का त्यौहार एक पावन त्यौहार है । यह त्यौहार लोगों को एक साथ लाने और खुशियों का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
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