कामयाबी की मिसाल-अरुषि अग्रवाल : कहते हैं न, सफलता उसी को मिलती है जो संघर्ष से घबड़ाता नहीं है। अगर आप पुरे लगन से संघर्ष करते हैं तो आपको सफल होने से कोई भी रोक नहीं सकता है। परिश्रम ही सफलता की चाबी है । आज युवाओं को गाजियाबाद की अरुषि अग्रवाल से सीखना चाहिए। आरुषि भी पढाई करते हुए दूसरे बच्चों की तरह बड़े सपने देखती थी लेकिन उन्हें नहीं पता था मेहनत और किस्मत उनके उन सभी सपनों को इतना जल्दी पूरा कर देगी।
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अरुषि क्या करती हैं ?
गाजियाबाद के नेहरू नगर में रहने वाली 27 वर्षीय अरुषि अग्रवाल जो अब करोड़पति बन चुकी हैं. उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर 50 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. इस कंपनी का नाम है टैलेंटडीक्रिप्ट. इस कंपनी को खड़ा करने के पहले अhttps://aajtakhub.com/रुषि के पास कई नौकरियां के ऑफर आए,यहाँ तक की उन्हें एक बड़ी निजी कंपनी ने एक करोड़ रुपए के पैकेज देकर अरुषि को अपने साथ जोड़ना चाहा। लेकिन उन्होंने इस डील को भी अस्वीकार कर दिया। उन्हें अपने मेहनत पर भरोसा था,अपनी मेहनत के दम पर 50 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी । आज आरुषि अग्रवाल तालेंटडिक्रीप्ट कंपनी के फाउंडर हैं।
कामयाबी की मिसाल:अरुषि की शैक्षणिक योग्यता
अरुषि नोएडा के निजी कॉलेज से बीटेक और एमटेक की पढ़ाई की है। कोडन सीखने के बाद सॉफ्टवेयर बनाना शुरू कर दिया था ।
अरुषि अपने सपने को साकार कैसे किया ?
वर्ष 2018 के अंत में अरुषि ने कोडिंग सीख कर सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया था । अपनी कड़ी मेहनत के बाद सिर्फ डेढ़ साल में ही टैलेंटडिक्रिप्ट कंपनी का सॉफ्टवेयर बनाकर तैयार कर दिया था । बनकर तैयार हो गया, इतना ही नहीं बल्कि देश के 75 महिला आंत्रप्रेन्योर में भारत सरकार की नीति आयोग की ओर से आरुषि को पुरस्कार भी मिल चुका है.
कामयाबी की मिसाल:अरुषि की कंपनी क्या करती है ?
अरुषि की कंपनी टैलेंटडिक्रिफ्ट युवाओं को बिभिन्न कंपनियों के साथ जोड़कर उन्हें अच्छी कंपनी में जॉब लेने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है । फिलहाल अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका नेपाल सहित अन्य देशों की 380 कंपनियां टैलेंटडिक्रिफ्ट की सेवाएं ले रही हैं। इस कंपनी में युवाओं को हैकाथॉन के जरिए वर्चुअल स्किल टेस्ट से गुजरना पड़ता है । स्किल टेस्ट पास करने के बाद सीधे कंपनियों के साथ लाइनअप करके युवाओं का इंटरव्यू होता है । इंटरव्यू पास करने के बाद उन्हें नौकरी मिल जाती है।अब तक सैकड़ो युवा टैलेंटडिक्रिप्ट के जरिए नौकरी ले चुके हैं । है न आरुषि अग्रवाल की सफलता की कहानी “कामयाबी की मिसाल”।
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