“कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो” यह यह पंक्ति कवि तथा गजल गायक दुष्यंत जी की सादिया परवीन (Sadia Parveen) के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठता है. Sadia Parveen Success Story आज के युवा वर्ग के लिए खास तौर पर मुस्लिम समाज की लड़कियों के लिए प्रेरणा देने का काम करेगा . उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से विपरीत परिस्थिति में जो सफलता हासिल की है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से . उन्होंने यह मुकाम कैसे हासिल किया?
हिंदुस्तान के मुस्लिम समाज में जहां लड़कियों के ऊपर तमाम प्रतिवंध लगाई जाती है, इस समाज से निकलकर सादिया परवीन अपने हौसले को उड़ान देने मैं कामयाब हो गई है.सदिया पहली मुस्लिम पायलट बन चुकी हैं. सादिया अभी घरेलू प्लेन उड़ा रही हैं। उनकी इच्छा है अंतरराष्ट्रीय प्लेन उड़ाने की, उम्मीद है अपने ऊंचे हौसले के दम पर एक न एक दिन अंतर्राष्ट्रीय प्लेन भी उड़ने में कामयाब हो जाएंगी।
सादिया प्रवीण का परिचय
सादिया परवीन बिहार के सिवान जिले के अंतर्गत रघुनाथपुर प्रखंड में स्थित मियां ताड़ी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने बचपन से ही कुछ बड़ा करने का सपना देखा था जिसे उन्होंने अपने कठिन परिश्रम के बल पर पूरा करके दिखा दिया।
सादिया परवीन के पिता अफसर अहमद सिवान में ही व्यवसाय का काम करते हैं। उन्होंने हाई स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त की है। वहीं उनकी मां रफात सुल्तान हाउसवाइफ है तथा वे स्नातक की डिग्री हासिल की हैं। गांव में सदिया के माता-पिता दादा-दादी तथा भाई बहन रहते हैं। सदिया के परिवार में सादिया से बड़ी एक बहन तथा एक छोटा भाई भी है।
सादिया की इस कामयाबी पर ना कि सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरा सिवान जिला में खुशी का माहौल है। सादिया सिवान जिले की पहली मुस्लिम बेटी है जिन्होंने कामयाबी हासिल की है।
सादिया परवीन की शिक्षा
सादिया की प्रारंभिक शिक्षा सिवान से हुई। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए कोलकाता चली गई। कोलकाता से ही पढ़ाई करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग के लिए यूएई गई थी। सादिया बताती हैं कि यूएई मुस्लिम देश होने के नाते हिजाब पहनकर ही प्लेन उड़ने की इजाजत है। इसलिए उन्होंने भी हिजाब पहनकर ही ट्रेनिंग ली थी। उनके साथ कई देशों की भी लड़कियां ट्रेनिंग ले रही थी।
Sadia Parveen Success Story
सादिया के अनुसार एक दिन बचपन में ही अपने पिताजी के साथ हवाई जहाज में सफर करते समय उन्होंने सोचा था कि मैं भी बड़ा होकर प्लेन उड़ाऊंगी। उन्हें अपने हौसले को अंजाम तक ले जाने में उनके माता-पिता तथा पूरे परिवार का सहयोग मिला। आज सदिया के मेहनत का ही परिणाम है वह लाइसेंस प्राप्त पायलट बन चुकी है।
सादिया परवीन का कहना है कि किसी भी मां-बाप को अपने बच्चों के ऊपर विश्वास करना चाहिए। बच्चे जो करना चाहते हैं उसमें उन्हें परिवार के तरफ से पूरा सहयोग मिलना चाहिए। इसका यह फायदा है कि बच्चे असंभव काम को भी आसानी से कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि मेरी कामयाबी को लेकर भी गांव वाले लोग सशंकित थे। तरह-तरह की बातें हुआ करती थी कि गांव की बेटी है, विदेश पढ़ने गई है। पता नहीं कामयाब होगी भी या नहीं ?
इससे सादिया का हौसला और मजबूत हुआ उन्होंने सोच लिया था की विदेश आए हैं तो यहां से वापस सफलता लेकर ही जाएंगे।
वह बताती है कि यूएई मुस्लिम देश होने की वजह से हिजाब पहनकर ही ट्रेनिंग लेने की इजाजत थी। उन्होंने पहली उड़ान भी हिजाब पहनकर ही भरी थी।
सादिया प्रवीण का हिजाब के बारे में क्या कहना है ?
हिजाब को लेकर सादिया परवीन (Sadia Parveen) की राय है के हिंदुस्तान सेक्यूलर देश है। किसी की भी धार्मिक आजादी को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए। हिजाब पहनने से वह आपकी सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बनता है।
सादिया अभी तक 69 घंटे की उड़ान भर चुकी हैं। वह बताती है कि एक बार शारजाह में उड़ान भरते समय बदल में घुस गई थी। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। पहले तो घबड़ाई, फिर प्लेन को 180 डिग्री से मोड़ते हुए बादल से बाहर आ गई। लैंड करने के बाद उनके साथी सदस्यों ने इंडियन बेटी कहकर उनके हौसले को बढ़ाया।
उनकी प्राथमिकता इंडियन एयरलाइंस में जॉब करने की है। फिलहाल शॉर्ट टर्म की ट्रेनिंग के लिए न्यूजीलैंड जाने वाली हैं। उम्मीद है एक दिन उनका अंतराष्ट्रीय प्लेन उड़ाने का भी सपना पूरा होगा.
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