A3R Mushroom Farm Success Story:पिछले कुछ सालों में भारत में भी कई स्टार्टअप खुले हैं. इनमें से कुछ स्टार्टअप सफलतापूर्वक अपना लक्ष्य प्राप्त कर रहा है. जो लोग योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं उन्हें एक न एक दिन सफलता मिल ही जाती है।
आज मैं आपको एक ऐसे स्टार्टअप की कहानी बताऊंगा, जिन्होंने विदेश की अच्छी नौकरी छोड़कर मशरूम फार्मिंग का काम मात्र 2 साल पहले प्रारंभ किया था. आज वह करोड़ों की कंपनी बन चुकी है। उनकी सफलता की कहानी काफी दिलचस्प एवं प्रेरणादायक है। इसलिए हमारे साथ आर्टिकल के अंत तक आप बने रहिएगा ताकि उनके बारे में जानकारी लेकर इसे कुछ सीखने का मौका मौका मिल सके।
आज आज मैं जिस स्टार्टअप की बात आपसे कर रहा हूं वह A3R Mushroom Farm है। A3R Mushroom Farm स्टार्टअप को आगरा के रहने वाले दो भाइयों ऋषभ गुप्ता और आयुष गुप्ता ने प्रारंभ किया था। आइए सबसे पहले इन दो भाइयों के बारे में जानकारी लेते हैं।
A3R Mushroom Farm founder ‘Rishabh Gupta And Ayush Gupta’ Qualification and Career
दोनों भाई ऋषभ गुप्ता और आयुष गुप्ता A3R Mushroom Farm कंपनी के फाउंडर है। बड़े भाई ऋषभ गुप्ता VIT वेल्लोर से 2011 में कंप्यूटर साइंस से B.Tech की डिग्री प्राप्त की । 2012 में ऋषभ यूके चले गए. UK में University of Warwick, Coventry, UK से उन्होंने Biomedical Engineering में Master’s Degree हासिल की .
UK से पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषभ सिंगापूर में KPMG और Sidley Austin LLP कंपनियों में कंमैनेजमेंट कंसलटेंट के रूप में काम किया . कुछ सालों के बाद ऋषभ सिंगापूर की नौकरी छोड़कर दुबई शिफ्ट हो गए .वहां उन्होंने Mashreq Bank, Dubai में सीनियर मैनेजर के रूप में नौकरी ज्वाइन की .
छोटा भाई Ayush Gupta की पढ़ाई के बारे में अगर बात की जाए तो, इन्होंने London University से BBA की पढ़ाई की है. आयुष को एन्त्रेप्रेंयूर्शिप और इनोवेशन में बहुत गहरी रुची थी. इसी कारण से वह कॉलेज के दिनों में भी कई सारे प्रतियोगिता और वर्कशॉप में भाग लिया करते थे .
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Rishabh Gupta And Ayush Gupta in Farming
2020 में Covid -19 महामारी के दौरान जब पूरे दुनिया में कोहराम बचा हुआ था तब ऋषभ दुबई से अपनी नौकरी छोड़कर आगरा घर वापस आ गए। उन्होंने घर पर ही रहकर कुछ रोजगार करने को सोचा। गांव में उनके पिताजी के पास तीन एकड़ जमीन है। उन्होंने तीन एकड़ जमीन को इस्तेमाल कर फार्मिंग का काम करने के लिए सोचने लगे। उन्होंने सबसे पहले जैविक तरीके से 15 लाख के इन्वेस्टमेंट से पॉली हाउस बनवाकर जनवरी 2021 में खीरे की खेती की शुरुआत की। जब खीरे का फसल तैयार हुआ तब इसे लोकल बाजार में एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा बिक्री कर महज 6 महीने में 25 लाख रुपए कमा लिए।
हालांकि खीरे के व्यवसाय में उन्हें यह अनुभव हुआ यह व्यवसाय बाजार की मांग तथा मौसम के ऊपर काफी कुछ निर्भर करता है। इसलिए उन्होंने कुछ अलग करने की सोची जिसे सालों भर किया जा सके। काफी कुछ अध्ययन के बाद उन्हें समझ में आया कि मशरूम की खेती करना फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि चीन के बाद भारत ही दूसरा देश है जो मशरूम का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है।
A3R Mushroom Farm Success Story
आज लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. इसीलिए देश और विदेश में मशरूम की खपत भी पहले से ज्यादा हो रहा है। लोग अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए मशरूम खाना पसंद कर रहे हैं। मशरूम में प्रोटीन,विटामिन, मिनरल्स, फाइबर एवं एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो डायबिटीज कैंसर और मोटापा जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वैसे तो मशरूम की खेती करना भी इतना आसान नहीं है। यह काफी साइंटिफिक तरीके से किया जाता है। इन दोनों भाइयों को मशरूम की खेती के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन इन्होंने ऑनलाइन अध्ययन कर तथा देश एवं विदेश के कई विशेषज्ञों की मदद से जानकारी जुटाई। जब उन्हें लगा कि मशरूम की खेती के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी हो गई है। तब इन्होंने वैज्ञानिक तरीके से मशरूम की खेती 2022 में प्रारंभ किया।
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इन्होंने सबसे पहले कोल्ड चैंबर बनवाई ताकि कोल्ड चेंबर के अंदर मशरूम के लिए जरूरी वातावरण दिया जा सके। उनके सामने एक मुश्किल यह था कि कैसे अपने पिताजी को मशरूम की फार्मिंग के लिए मनाई जाए। उन्होंने अपने पिताजी को बताया की मशरूम की खेती में वह पैसा बर्बाद नहीं कर रहे हैं और इसमें सफलता मिलने की काफी गुंजाइश है। प्रयोग के तौर पर उन्होंने सबसे पहले 20 बैग में कंपोस्ट और स्पॉन लगाई। उस 20 बैग से उन्होंने 40 किलो मशरूम उगाकर अपने पिताजी का विश्वास जीत लिया। बाद में पिताजी ने भी उनके काम में सहयोग किया।
व्यावसायिक तौर पर दोनों भाइयों ने मशरूम की खेती 2022 में बटन मशरूम की खेती से शुरुआत की। बाद में आगे चलकर उन्होंने अपने फार्म मैं कई दूसरे वैरायटी की भी मशरूम को इंट्रोड्यूस किया। इन वैराइटीज में Oyester, sitake और Milky जैसी वैरायटी शामिल है।
आपको बता दें प्रतिदिन वह 1600 किलो मशरूम की उपज जो हो रही है। मशरूम को दो कैटेगरी में छांटकर बाजार में बेच रहे हैं। ‘A ‘ ग्रेड की मशरूम जिसका कलर बिल्कुल सफेद, अच्छे आकार का होता है जिसे लोकल बाजार तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अथवा होटल में सप्लाई दे रहे हैं। जबकि बी ग्रेड की जो मशरूम है उसे कई कंपनियां जो सूप और सॉस का निर्माण करती है, उसे बेचा जाता है। उन्होंने A3R Mushroom के ब्रांड नाम पर ताजा मशरूम के अलावा इसका अचार ,चिप्स, पाउडर भी बनाकर भी बिक्री कर रहे हैं।
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A3R Mushroom Farm Income
मशरूम की कीमत मौसम तथा बाजार की मांग के अनुसार 100 /Kg- ₹180 /Kg रहता है। आज मशरूम की बिक्री से 5-7 लाख प्रति महीने की कमाई हो रही है।
मशरूम फार्मिंग व्यवसाय में गांव के करीब 15 से 20 लोगों को उन्होंने रोजगार भी दे रखा है। जो मशरूम की खेती कटाई एवं पैकेजिंग के काम करते हैं। इससे उनकी भी प्रतिदिन 400 से लेकर 600 तक की कमाई हो जाती है.
आपको ऋषभ गुप्ता और आयुष गुप्ता की मशरूम फार्मिंग सक्सेस स्टोरी कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताइएगा.
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